शुभम सौरभ आदिवासी एक्सप्रेस गिरिडीह
गिरिडीह। गिरिडीह के जमुआ प्रखंड अंतर्गत दर्जनों ऐसे सड़क है जो पूरी तरह से जर्जर हैं , जो की हलकी बारिश होने से सड़क तालाब में तब्दील हो जाता हैं लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता हैं । आने वाले दिनों में बारिश का मौसम आ रहा है और सड़को की हालत देखने योग्य है। अभी हाल में हुए हलकी बारिश से ही सड़को का हालत पूरी तरह से ख़राब हो गया है। जमुआ प्रखण्ड अंतर्गत कुरहोबिन्दो पंचायत से आरागारो होते हुवे बेंगाबाद प्रखंड के ओझाडीह को जोड़ने वाली सड़क की पूरी तरह से जर्जर है सड़क तालाब में तब्दील हो चुका हैं । हलकी बारिश होने से इस सड़क पर कार बाईक तो दूर पैदल चलना भी जोखिम भरा होता है सड़कों पर जगह जगह गड्ढे में पानी भर जाता है। कई जगह तो बिलकुल चलना मुश्किल हो जाता है लोगो को खेत में उतर कर आगे जाना पड़ता है। इस सड़क पर पड़ने वाली नदी में पुल बनने के बाद लोगो को उम्मीद था की अब सड़क की हालत में सुधार आएगा लेकिन सालो से इस सड़क पर किसी
जनप्रतिनिधि ने ध्यान नहीं दिया। हजारो लोग प्रतिदिन इस सड़क से गिरिडीह मुख्यालय आना जाना करते है। इस क्षेत्र को गिरिडीह मुख्यालय से जोड़ने वाली सबसे कम दुरी का यह एकमात्र सड़क है। बारिश के दिनों में जब इस सड़क पर चलना मुश्किल होता है तो इस क्षेत्र के लोगो को छोटकी खरगडीहा बेंगाबाद होते हुए गिरिडीह जाना पड़ता है जिसके लिए एक लम्बी दुरी तय करना होता है। जमुआ प्रखंड के गोरो पंचायत अंतर्गत झलगडीहा के ग्रामीणों का हालत भी कुछ इस तरह है की गांव तक जाने वाली एक मात्र सड़क की बदहाल स्थिति इनके लिए एक बड़ी समस्या है इसके लिए ग्रामीणों ने कई बार सरकार से गुहार लगाया लेकिन कोई असर नहीं। सियाटांड़ पंचायत के सियाटांड़ चौक से चकाई गोल्हैया होते हुए चकाई को जोड़ने वाली सड़क की बदहाली भी एक अलग की कहानी बया करती है। स्थानीय ग्रामीण का कहना है की बारिश में गांव से गुजरने वाली सड़क नदी का रूप ले लेती है अब लोगो को इस सड़क के बनने की उम्मीद नहीं रही। कुछ लोगो का कहना है उनके सुविधाओ को लेकर कोई भी सरकार या नेता गंभीर नहीं है। ऐसे में विकास के दावे करने वाली सरकार को एक बार इस सड़क से होकर गुजरना चाहिए।